उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का 82 साल की उम्र में निधन हो गया है. मुलायम सिंह यादव को यूरिन संक्रमण,वर्जिशमालिशऔरदेसीडाइटधरतीपुत्रमुलायमसिंहयादवकीऐसीथीलाइफस्टाइल ब्लड प्रेशर की समस्या और सांस लेने में तकलीफ के चलते कुछ दिन पहले मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. किसान परिवार में जन्मे धरतीपुत्रमुलायम सिंह यादव जमीनी स्तर से उठकर राजनीति में आए थे. वह पहलवानी के काफी शौकीन थे औरचरखा दांव काफी अच्छे से लगाते थे जिसके कारण वह दूर-दूर तक मशहूर थे. मुलायम सिंह लंबी उम्र तक एक्टिव बने रहे. इसका कारण कम उम्र की गई देसी एक्सरसाइज और खान-पान था.बताया जाता है कि मुलायम सिंह यादव (नेताजी) के पिता चाहते थे कि उनका बेटा पहलवान बने. हालांकि, नेताजी ने पहलवानी तो की लेकिन वह राजनीति में आ गए. एक बार की बात है जब 1962 में जसवंत नगर के एक गांव में विधानसभा का चुनाव चल रहा था वहां नत्थू सिंह ने मुलायम सिंह को बड़े-बड़े पहलवानों को चित करते देखा. बस उसके बाद से नत्थू सिंह नेताजी से प्रभावित हुए और उन्हें अपना शिष्य बना लिया. नत्थू सिंह ने ही नेताजी को राजनीति के गुर सिखाए थे. 1967 में उन्हें विधानसभा का टिकट दिलाया और उन्होंने जीत हासिल की.मुलायम सिंह यादव के बारे में बताया जाता है कि वह पार्टी के काम में काफी समय देते थे. एक बार अगर चुनावीमौसम आ जाए तो वह 14-15 घंटे में पार्टी के काम करते रहते थे. नेताजी के बिना थके इतने घंटे काम करने से उनकी फिटनेसका अंदाजा लगाया जा सकता है. किसान परिवार में जन्म लेने के कारण उनका खान-पान हमेशा से ही काफी सिंपल रहाजिससे उन्हें अधिक उम्र तकएक्टिव रहने में मदद मिली.जब मुलायम सिंह यादव पहलवानी करते थे उस समय वह देसी खाना ही खाते थे. खाने में घर का बना खाना शामिल था. जिस तरह हर पहलवान घर का बना सेहतमंद खाना ही खातेथे, उसी तरह मुलायम सिंह यादव भीरोटी, चावल, चाल, दूध-घी ही खाते थे.जब उन्होंने राजनीति में कदम रखा, उसके बादउनके खान-पान में बदलाव हुआ था. चुनावी समय मेंमुलायम सिंह नाश्ते में छाछ और बेसन की रोटी खाते थे. इसके साथ पूड़ी और अचार उनका पसंदीदा भोजन था. उनकेलंच का साइज काफी बड़ा हुआ करता था जिसमें कम से कम 5-6 लोग भी आराम से खा सकते थे.मुलायम सिंह यादव के पास 2 ठंडे पानी से भरे हुए थर्मस भी हुआ करते थे और घर की डेयरी के दूध से बना घी और छाछ भी होता था. वह मुट्ठी भर थ्रेप्टिन बिस्कुट और जूस भी पीते थे.इटावा के पहलवान रहे मुलायम सिंह यादव मॉर्निंग पर्सन थे. वह रोजाना सुबह 4 बजे उठते थे. पहलवानी के दिनों में वहदेसी दंड-बैठक, मुगदर व्यायाम, देसी पुशअप जैसी देसी एक्सरसाइज करते थे और मालिश भी कराते थे.राजनीति में आने के बाद वहअपने बंगले के लॉन में आधे घंटे तक तेज गति से वॉक करतेथे. यदि उनके पास समय होता था तो वह 10 मिनट प्राणायाम भी करते थे.अगर किसी को नींदआती है तो वह चाय-कॉफी पीकर नींद भगाता है लेकिन मुलायम सिंह यादव का कहना था कि मेरे जैसे ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े आदमी को जागने या सोने के लिए चाय-कॉफी की जरूरत नहीं होती. मुलायम सिंह यादव ट्रेडमिल पर हल्की कसरत करते थे.